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अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान: 2 दिन बाद देंगे सीएम पद से इस्तीफा, जनता से मांगा ईमानदारी का सर्टिफिकेट
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। इस दौरान उन्होंने जनता से अपील की कि अगर वे उन्हें ईमानदार मानते हैं, तो आगामी चुनावों में उन्हें वोट दें। उन्होंने कहा, “मैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुनाती।”
जनता की अदालत में जाएंगे
केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, “मैं आज जनता की अदालत में आया हूं। अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे वोट दें। अगर आप मुझे गुनाहगार मानते हैं, तो मुझे मत चुनें।” उन्होंने आगे कहा, “अब जनता का फैसला ही मेरे लिए सबसे बड़ा सर्टिफिकेट होगा। अगर जनता मुझे सही मानती है, तो ही मैं दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।”
बीजेपी पर आरोप
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे उनकी ईमानदारी से डरते हैं। उन्होंने कहा, “बीजेपी हमें झुकाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम ना झुकेंगे, ना रुकेंगे, और ना बिकेंगे। हम जनता के आशीर्वाद से भाजपा के हर षड्यंत्र का मुकाबला करेंगे।”
मनीष सिसोदिया नहीं बनेंगे सीएम
केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि मनीष सिसोदिया दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव तक पार्टी का कोई और नेता मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन वह और सिसोदिया जनता के बीच रहकर प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं और मनीष सिसोदिया जनता के बीच जाएंगे, घर-घर जाएंगे, और जनता से पूछेंगे कि केजरीवाल ईमानदार है या नहीं।”
विधानसभा चुनाव की मांग
केजरीवाल ने मांग की है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव नवंबर 2024 में महाराष्ट्र चुनाव के साथ कराए जाएं। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि चुनाव जल्दी हों ताकि जनता अपना फैसला सुना सके। अब तक पार्टी में अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर चर्चा हो रही है, और 2-3 दिनों में इस पर निर्णय लिया जाएगा।”
कार्यकर्ताओं को पढ़ने की सलाह
अरविंद केजरीवाल ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को ‘भगत सिंह की जेल डायरी‘ पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए उन्हें सोचने और पढ़ने का काफी समय मिला। उन्होंने भगत सिंह की किताब का जिक्र करते हुए कहा, “भगत सिंह ने जेल के अंदर से कई महत्वपूर्ण लेख और पत्र लिखे थे, जो आज भी प्रेरणादायक हैं। यह किताब हर युवा को पढ़नी चाहिए ताकि वह देश के लिए अपने कर्तव्यों को समझ सके।”
अरविंद केजरीवाल का यह ऐलान दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता का फैसला उनके राजनीतिक भविष्य को निर्धारित करेगा। केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वह जनता के समर्थन के बिना मुख्यमंत्री पद पर नहीं लौटेंगे। अब यह देखना बाकी है कि दिल्ली की जनता क्या फैसला सुनाती है।
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